वर्दी में भारत की बेटियां
भारत की माटी ने सदा से ऐसी वीरांगनाओं को जन्म दिया है जिन्होंने समय-समय पर यह प्रमाणित किया है कि स्त्री केवल सृजन की शक्ति ही नहीं, अपितु संकट की घड़ी में रक्षा और युद्ध की देवी भी बन सकती है। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई जब अपनी पीठ पर पुत्र को बांधकर तलवार लेकर अंग्रेजों से लड़ीं, तब इतिहास ने जाना कि भारत की नारी केवल गृहस्थ की रक्षक नहीं, राष्ट्र की स्वाधीनता की भी अभिभावक है। अहिल्याबाई होलकर ने शासन चलाकर यह सिद्ध किया कि स्त्रियां न्याय, नीति और कर्तव्य का उत्तम समन्वय बनाकर समृद्धि ला सकती हैं। जीजाबाई ने शिवाजी को मातृसंस्कारों से सिंचित कर हिंदवी स्वराज्य का बीज बोया था। आज जब भारत की बेटियां वर्दी पहनकर सीमा पर खड़ी होती हैं, तो इतिहास की यह नारी चेतना वर्तमान में जीवंत होती दिखती है। विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी जैसे नाम नारी शक्ति के ऐसे प्रेरणास्रोत हैं जो हर बेटी को यह विश्वास देते हैं कि उनके सपनों की ऊंची उड़ान के लिए कोई भी सीमा अब रुकावट नहीं। विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने 18 दिसंबर 2004 को भारतीय वायुसेना में शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत प्रवेश लिया। एक...